दशवांश, षष्ठांश, द्वादशांश आदि विभवांशी कुंडली का विश्लेषण

दशवांश, षष्ठांश, द्वादशांश आदि विभवांशी कुंडली का विश्लेषण

विभवांशी कुंडली का परिचयभारतीय ज्योतिष शास्त्र में विभवांशी कुंडलियाँ, जैसे कि दशवांश, षष्ठांश और द्वादशांश, अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। इन कुंडलियों की उत्पत्ति वेदांग ज्योतिष के प्राचीन ग्रंथों में…
कुंडली में ग्रहों का गोचर और उसका फल

कुंडली में ग्रहों का गोचर और उसका फल

1. कुंडली में ग्रहों का गोचर क्या है?भारतीय ज्योतिष में ग्रहों का गोचर अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ‘गोचर’ शब्द का अर्थ है किसी ग्रह का एक राशि से दूसरी…
ग्रहों की दृष्टि: वैदिक दृष्टि नियमों की विवेचना

ग्रहों की दृष्टि: वैदिक दृष्टि नियमों की विवेचना

1. वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की भूमिकाग्रहों का महत्व वैदिक ज्योतिष मेंवैदिक ज्योतिष, जिसे पारंपरिक रूप से ज्योतिष शास्त्र कहा जाता है, भारतीय संस्कृति और जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा है।…
राशियों का अध्ययन: १२ राशियाँ और उनके गुण

राशियों का अध्ययन: १२ राशियाँ और उनके गुण

राशियों का परिचय और ज्योतिष में उनका महत्वभारतीय संस्कृति में ज्योतिषशास्त्र का विशेष स्थान है, जिसमें १२ राशियों का अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इन बारह राशियों को संस्कृत…
वैदिक कुंडली में ग्रहों की स्थिति का विश्लेषण

वैदिक कुंडली में ग्रहों की स्थिति का विश्लेषण

1. वैदिक ज्योतिष का महत्व और भूमिकाभारतीय संस्कृति में वैदिक ज्योतिष का स्थानवैदिक ज्योतिष, जिसे ज्योतिष शास्त्र भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है। यह न…
जन्म कुंडली की संरचना को विस्तार से समझना

जन्म कुंडली की संरचना को विस्तार से समझना

1. जन्म कुंडली का परिचय और उसका सांस्कृतिक महत्वभारतीय संस्कृति में जन्म कुंडली (Janam Kundali) का एक विशेष स्थान है। यह न केवल किसी व्यक्ति के जन्म के समय की…
वैदिक कुंडली: प्रारंभिक परिचय और मूल अवधारणाएँ

वैदिक कुंडली: प्रारंभिक परिचय और मूल अवधारणाएँ

1. वैदिक ज्योतिष का महत्व भारतीय संस्कृति मेंवैदिक ज्योतिष का ऐतिहासिक महत्वभारत में वैदिक ज्योतिष, जिसे ज्योतिष शास्त्र भी कहा जाता है, हजारों वर्षों से प्रचलित है। यह वेदों की…