पहला भाव (लग्न) का गूढ़ अध्ययन: आत्मा, व्यक्तित्व और भाग्य

पहला भाव (लग्न) का गूढ़ अध्ययन: आत्मा, व्यक्तित्व और भाग्य

1. पहला भाव (लग्न) की परिभाषा व सांस्कृतिक भूमिकाभारतीय ज्योतिष में पहला भाव, जिसे लग्न या असेंडेंट भी कहा जाता है, जन्म कुंडली का अत्यंत महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है।…
सप्तम भाव: विवाह, साझेदारी और जीवन साथी के संदर्भ में ज्योतिष दृष्टिकोण

सप्तम भाव: विवाह, साझेदारी और जीवन साथी के संदर्भ में ज्योतिष दृष्टिकोण

सप्तम भाव का परिचयभारतीय ज्योतिष में सप्तम भाव, जिसे सातवां घर भी कहा जाता है, कुंडली का वह भाग है जो मुख्य रूप से विवाह, जीवन साथी और साझेदारी के…
तीसरा भाव: साहस, भाई-बहनों और संचार में इसकी भूमिका

तीसरा भाव: साहस, भाई-बहनों और संचार में इसकी भूमिका

तीसरा भाव: भारतीय ज्योतिष में इसका महत्वभारतीय संस्कृति और वैदिक ज्योतिष में तीसरे भाव की भूमिकाभारतीय ज्योतिष, जिसे वैदिक ज्योतिष भी कहा जाता है, में तीसरे भाव का बहुत ही…
योगों का निर्माण और वैदिक कुंडली में उनकी व्याख्या

योगों का निर्माण और वैदिक कुंडली में उनकी व्याख्या

योगों की परिभाषा और उनके प्रकारवैदिक ज्योतिष में योग एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जो किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में ग्रहों की विशेष स्थितियों और संयोजनों से बनती है। "योग"…
नक्षत्रों की गहराई: भारतीय संस्कृति में नक्षत्रों का ऐतिहासिक और ज्योतिषीय मूल्य

नक्षत्रों की गहराई: भारतीय संस्कृति में नक्षत्रों का ऐतिहासिक और ज्योतिषीय मूल्य

नक्षत्रों का प्राचीन इतिहास और भारतीय मिथकभारत की ज्योतिषीय परंपरा में नक्षत्रों का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। नक्षत्र, जिन्हें अंग्रेज़ी में Lunar Mansions कहा जाता है, भारतीय संस्कृति में…
वैदिक ज्योतिष में भावों का महत्व: जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में भावों का महत्व: जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव

1. वैदिक ज्योतिष में भावों की मूलभूत समझभारतीय संस्कृति और परंपरा में वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) का विशेष स्थान है। यह केवल ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति ही नहीं, बल्कि…